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■ बैडरूम के लिये वास्तु -

मनुष्य के लिए खाना व सोना अति आवश्यक है,अतः जब वह दिनभर काम करने के बाद थककर घर आता है तो उसे आराम करने की जरूरत होती है, जो उसे अपने शयनकक्ष मे लेटने से मिलता है। किसी भी घर मे बैडरूम दक्षिण से लेकर पश्चिम के मध्य होना शुभ होता है। ओर यदि यह परिवार के मुखिया का शयनकक्ष है तो नैऋत्य कोण मे होना ज्यादा अच्छा होता है। घर के मुखिया को ईशान कोण मे कभी भी शयनकक्ष नही बनाना चाहिए। बैडरूम बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि, जहाँ पलंग रखे उसके उपर बीम,परछत्ती इत्यादि होना अशुभ होता है। शयनकक्ष के उपर ओवर हेड वाटर टैंक होना भी अशुभ होता है  इससे मानसिक तनाव बढ़ता है। बैडरूम मे पंलग के सामने किसी प्रकार का शीशा लगाना अच्छा नही होता है। पृथ्वी के दो क्षेत्र है, उत्तर क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र, विद्यूत-चुंबकीय तरंगें उत्तर से दक्षिण की ओर घूमती हैं। दोनों अक्ष एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। यदि हम सोते समय अपना सिर उत्तर दिशा की ओर रखते हैं तो उत्तर दिशा से आने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगों के कारण हमें कष्ट होता है, जिसके परिणाम स्वरूप सिरदर्द और शरीर मे नसों सम्बंधित समस्या हो सकती है। इसीलिए दक्षिण की तरफ ही सिर करके सोना सबसे अच्छा माना जाता है। दरवाज़े की ओर पैर करके सोना भी अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ बढती हैं।